दोस्तों आज जानते है की कंपनी क्या होती है ?
दोस्तों हमने शेयर बाजार से जुड़े कुछ चीजों को अभी तक जान लिया है जैसे कि शेयर बाजार क्या है ? और इसमें कैसे निवेश करना है ? डिमैट अकाउंट क्या होता है ? और उसे कैसे खोलें अगर आपने यह सब अभी तक नहीं जाना है नीचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करें और पहले जान लें |
आज के विषय में हम आपको यह बताएंगे की कंपनी क्या होती है व Company के कितने प्रकार होते हैं लिमिटेड का क्या मतलब होता है कंपनी को स्टॉक में सूचीबद्ध होने से क्या लाभ होता है यह सारी जानकारी आज हम आपको बताएंगे
अनुक्रम
कंपनी क्या होती है -What Is Company ?
- कंपनी (Company) – एक व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा बनायीं गयी एक कानूनी इकाई है जो किसी उद्योग अथवा व्यवसाय को संलग्न करने और संचालित करने के लिए बनाई जाती है कंपनियां सार्वजनिक या निजी हो सकती हैं |
- एक कंपनी को आम तौर पर व्यावसायिक गतिविधियों से लाभ कमाने के लिए आयोजित किया जाता है।
- हर कंपनी एक प्रकार का व्यवसाय होती है मगर हर व्यवसाय एक कंपनी नहीं होता है |
- कंपनी को संक्षेप में समझे तो यह एक कानूनी इकाई है जो दो या दो से अधिक व्यक्तियों के द्वारा किसी व्यवसाय या उद्योग को संचालित करने और उससे लाभ कमाने के लिए बनाई जाती है |
दोस्तों हम आशा करते है की आपको समझ आया होगा की कंपनी क्या होती है |
कंपनी के मुख्य प्रकार- Types Of Company
हमने बचपन से ही यह सुना है कि कंपनी दो प्रकार की होती है सरकारी कंपनी और प्राइवेट कंपनी क्या सचमुच में केवल दो प्रकार की कंपनी होती है ? या कंपनी के कुछ अलग प्रकार होते हैं |
सामान्य तौर पर सरकारी कंपनी और प्राइवेट कंपनी, कंपनी के दो प्रकार नहीं होते हैं क्योंकि कंपनी का विभाजन कंपनी के मालिक पर निर्भर नहीं करता है यह पूरी करें कंपनी की हिस्सेदारी पर निर्भर करता है |
कंपनियों को कानूनी और नियामक दोनों उद्देश्यों के लिए दो अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है: सार्वजनिक और निजी कंपनी क्या होती है ?
आइए जानते हैं कि सार्वजनिक Company क्या होती है ?
सार्वजनिक कंपनियां
एक सार्वजनिक या सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनी शेयरधारकों को स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से शेयर खरीदने पर इक्विटी मालिक या कंपनी में हिस्सेदारी होने की अनुमति देती है।
आसान भाषा में कहें तो जिस कंपनी में हर कोई हिस्सेदारी खरीद सकता है उस कंपनी को सार्वजनिक कंपनी या पब्लिक कंपनी कहते हैं|
सार्वजनिक कंपनियां विभिन्न प्रकार के सख्त नियमों और रिपोर्टिंग की बाध्य होती हैं |
शेयरों को पहली बार एक प्रारंभिक एक्सचेंज में ट्रेडिंग शुरू होने से पहले एक प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के माध्यम से जारी किया जाता है। रिलायंस, भारत पेट्रोलियम, स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया और महिंद्रा इत्यादि सभी सार्वजनिक कंपनियों के उदाहरण हैं।
निजी कंपनियां
निजी कंपनियों को निजी स्वामित्व में रखा जाता है यह कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध नहीं होती हैं जिस कारण एक सामान्य व्यक्ति इन कंपनियों के शेयर खरीद या बेंच नहीं सकता है |
आसान भाषा में समझें तो यह ऐसी कंपनियां होती हैं जिसमें हर व्यक्ति हिस्सेदारी नहीं खरीद सकता है इसीलिए इन कंपनियों को निजी कंपनियां बोलते हैं |
निजी कंपनियां आकार में भिन्न होते हैं और हमेशा सख्त नियमों और रिपोर्टिंग आवश्यकताओं से बाध्य नहीं होते हैं, जिनका सार्वजनिक कंपनियाँ पालन करती है।
निजी कंपनियों के उदाहरणों में कोच इंडस्ट्रीज़, कैंडी मेकर, कार रेंटल कंपनी और अकाउंटिंग फर्म शामिल हैं।
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सामान्य जिंदगी में हमने बहुत बार सुना और देखा होगा कि कंपनी के नाम के पीछे लिमिटेड लिखा होता है क्या आप जानते हैं कि इसका मतलब क्या होता है अगर नहीं आज हम आपको बताएंगे की लिमिटेड का क्या मतलब होता है ?
Limited या LTD यह आप ने आम तौर पर किसी कंपनी के नाम के पीछे बहुत बार सुना होगा आसान भाषा में समझते हैं की लिमिटेड का क्या मतलब होता है ?
जिन भी कंपनियों के नाम के Limited या LTD लगा होता उसका मतलब यह होता है की यदि कोई भी व्यक्ति जो उस कंपनी का शेयर धारक है तो उसकी व्यक्तिगत संपत्ति सुरक्षित रहती है यदि भविष्य में कभी कंपनी दिवालिया होती है तो |
यह लिमिटेड शब्द दोनों प्रकार की कंपनी के नाम के साथ जुड़ सकता है निजी कंपनी PVT LTD लिखतीं है |
सार्वजनिक कम्पनी केवल लिमिटेड या पब्लिक लिमिटेड (Public Limited) लिखती है|
उदाहरण : उदाहरण के तौर पर यदि आपने किसी कंपनी ABC का शेयर खरीदा है और वह कंपनी बाद में दिवालिया हो जाती है तो आपके द्वारा निवेश किया गया पैसा तो पूरा खत्म हो जाएगा मगर आपकी कोई निजी संपत्ति नीलाम नहीं होगी उस कंपनी का लोन भरने के लिए |
कुछ लोगों में यह भ्रम होता है कि अगर वह किसी कंपनी की हिस्सेदारी खरीदते हैं और उस कंपनी के ऊपर बहुत सारा लोन है और बाद में वह कंपनी दिवालिया हो जाए तो क्योंकि कंपनी के हिस्सेदार हम हैं |
तो क्या हमें यह वह चुकाना पड़ेगा ? नहीं
कंपनी का लोन आपको नहीं चुकाना पड़ेगा क्योंकि कंपनी में आप की हिस्सेदारी लिमिटेड है |
हमने अभी तक यह समझ लिया कि कंपनी क्या होती है ? और Company के मुख्य प्रकार क्या होते हैं ? सार्वजनिक Company क्या होती है ?
सामान्यता केवल सार्वजनिक कंपनी ही स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होती हैं आईये जानते है कि स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने से किसी भी निजी कंपनी को क्या क्या लाभ हो सकता है ?
सामान्यतः निजी कंपनी, स्टॉक एक्सचेंज में तब लिस्टेड होती जब उस कंपनी को अपना विस्तार करना होता है जिसके लिए उसे बहुत से धन की आवश्यकता होती है और यह धन कुछ कंपनी बैंक से लोन लेकर जुटा लेती है
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जो कंपनी लोन नहीं लेना चाहती तो वह स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होकर धन जुटाने का प्रयत्न करती है यहां कंपनी अपनी हिस्सेदारी जनता को बेंच कर धन इक्कठा करती है
जनता कंपनी में हिस्सेदारी तब लेना चाहती है जब जनता को लगता है कि कंपनी भविष्य में बहुत अच्छा प्रदर्शन करेगी जिससे कंपनी को लाभ होगा
जब कंपनी लाभ में होंगी तो जो जनता ने इस कंपनी के शेयर ख़रीदे है उनको भी इस लाभ को बहुत फायदा मिलेगा |
Promoter (प्रमोटर)
Promoter वह व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह को बोलते हैं जिन्होंने उस कंपनी की शुरुवात की हैं उनके पास कंपनी में एक प्रमुख या यहां तक कि एक नियंत्रित हिस्सेदारी होती है और वह वरिष्ठ कार्यकारी पद पर भी हो सकते हैं।
आसान भाषा में समझे तो Promoter उन व्यक्ति या व्यक्तियों को बोलते हैं जिन्होंने कंपनी की शुरुआत की है कंपनी के शुरुआती मालिक होते हैं |
Promoter ही कंपनी के विकास के लिए, कंपनी को स्टॉक एक्सचेंज में आईपीओ(IPO) के द्वारा रजिस्टर करवाते हैं |
आईपीओ (IPO) क्या हैं ?
आपने यह आईपीओ (IPO) शब्द हमारे द्वारा दिए गए ब्लॉग में बहुत बार देखें होंगे तो चलिए आज जानते हैं कि आईपीओ (IPO) क्या है ?
IPO – (Initial Public Offering) प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश
आईपीओ वह प्रक्रिया यह जिसके द्वारा निजी कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने से पहले जनता को एक विशेष मूल्य पर अपने कंपनी के शेयर को देने का प्रस्ताव रखती हैं|
एक आईपीओ एक कंपनी के लिए एक बड़ा कदम है। यह कंपनी को बहुत सारा पैसा जुटाने की सुविधा प्रदान करता है। इससे कंपनी को विकसित होने और विस्तार करने की अधिक क्षमता मिलती है।
Top line growth और bottom line growth क्या हैं ?
जब भी आप निवेश करने के लिए किसी भी कंपनी की लाभ या हानि के बारे में जानने की कोशिश करेंगे तो आप ऊपर लिखे दो शब्दों को अवश्य देखेंगे | आइये जानते है इनका क्या मतलब होता है |
टॉप लाइन ग्रोथ(Top Line Growth) : कंपनी द्वारा कमाया गया कुल लाभ को टॉप लाइन ग्रोथ कहते है |
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बॉटम लाइन ग्रोथ (Bottom Line Growth) : कंपनी द्वारा कमाए गए कुल लाभ में जब हम आयकर को घटा देते है तो जो भी बचा हुआ लाभ होता है उसे ही हम बॉटम लाइन ग्रोथ कहते है|
इसे हम Net Profit या शुद्ध लाभ भी कहते है |
आज आपने क्या सीखा
दोस्तों आज हमने सीखा कंपनी क्या होती है तथा यह कितने प्रकार की होती है और भी इससे जुडी हुई जानकारियाँ हमने आपको दी है |
दोस्तों हमने इस आर्टिकल कंपनी क्या होती है इसको इस प्रकार लिखा है की आपको कंही भी दूसरी जगह भटकने की बिलकुल भी जरूरत नहीं पड़ेगी
बस हमें आपका पूर्ण सहयोग चाहिए जिससे की हम आपको नए नए आर्टिकल पढने के लिए दे सकें
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