आज हम इस ब्लॉग में यह जानेंगे कि भारतीय शेयर बाजार का समय क्या है यह सप्ताह में कितने दिन खुलता है तथा कितने दिन बंद रहता है तथा इससे जुड़ी हुई छुट्टियां भी हम जानेंगे |
भारतीय शेयर बाजार का समय क्या है इसके अलावा हम यह भी जानेंगे कि निवेशक कितने प्रकार के होते है ?
हमने अभी तक शेयर बाजार व शेयर बाजार में निवेश से जुड़ी बहुत सी बातें जान ली है अगर अभी तक आपने हमारे इससे पहले के ब्लॉग को नहीं देखा है तो कृपया पहले उसे देख ले जिससे कि आपको शेयर बाजार के बारे में समझने में और आसानी होगी |
अनुक्रम
भारतीय शेयर बाजार का समय-Indian Stock Market Timing
हम, भारतीय शेयर बाजार के समय को अच्छे से समझाने के लिए इसको विभिन्न भागो में तोड़ रहे हैं हम एक-एक कर सबको विस्तार से समझेंगे |
- Share Market Working Days
- Share Market Working Hours
- Pre-Market Session
- Post Market Session
Share Market Working Days
Share Market Working Days को हिंदी में आसान भाषा में समझा जाए तो इसका मतलब होता है कि शेयर बाजार 1 सप्ताह में कौन-कौन से दिन खुलता है या कितने दिन खुलता है ?
तो इसका जवाब है कि शेयर बाजार 1 सप्ताह में 5 दिन खुलता है अगर कोई राष्ट्रीय छुट्टी या त्यौहार ना पड़ा हो |
शेयर बाजार 1 सप्ताह के सोमवार से शुक्रवार तक खुलता है इसका मतलब है कि शेयर मार्केट कि काम करने वाले दिन 5 होते हैं जिसे हम Share Market Working Days भी बोलते है |
Share Market Working Hours
हमने यह जान लिया कि शेयर बाजार 1 सप्ताह में कितने दिन खुलता है आप जानते हैं कि शेयर बाजार 1 दिन में कितने घंटे के लिए खुलता है ? इसे ही इंग्लिश में Share Market Working Hours भी बोलते है |
शेयर बाजार दिन में आम निवेशक के लिए रोजाना (Only In Working Days) 9:15 a.m. से 3:30 p.m. तक खुलते है |
इसका मतलब है कि निवेशक सप्ताह में सोमवार से शुक्रवार तक रोजाना सुबह 9:15 से लेकर 3:30 p.m. तक शेयर बाजार में Trading कर सकते है तथा शेयर खरीद व बेच भी सकते है |
9:15 a.m. से 3:30 p.m. तक के समय को ही Share Market working Hours बोलते है |
दोस्तों हम आशा करते है की आपको अभी तक समझ आया होगा भारतीय शेयर बाजार का समय अभी और जानकारियाँ हम प्राप्त करेंगे |
Pre Market Session
जैसा कि इंग्लिश के इस नाम से पता चल रहा है कि Pre Market Session मतलब मार्केट से पहले का समय |
अगर आसान भाषा में समझा तो यह शब्द Market working Hours के पहले के समय को बता रहा है |
भारतीय शेयर बाजार में Pre Market Session 15 मिनट का होता है|
जिसका समय 9:00 a.m. से 9:15 a.m. तक होता है |
परंतु यह समय सबके लिए उपलब्ध नहीं होता है इस 15 मिनट के समय में कुछ ही लोग शेयर बाजार में ख़रीददारी कर सकते है |
Pre Market Session को बनाने के पीछे का मकसद यह है कि जो छोटे-छोटे निवेशक है शेयर बाजार के, उनको शेयर बाजार के शुरुआती समय में होने वाली अस्थिरता से बचाया जा सके |
क्योंकि शेयर बाजार कब खुलता है तो शुरुआत के कुछ मिनट में बहुत सारी अस्थिरता रहती है हम आपको अपने आने वाले ब्लॉक में यह बताएंगे कि आखिरकार यह अस्थिरता क्यों होती है |
Pre Market Session केवल इक्विटी कैश सेगमेंट के लिए है। यह Future & Option सेगमेंट के लिए लागू नहीं होता है।
आइए जानते हैं के Pre Market Session कुछ भाग :
9:00 to 9:07 → Market Order के लिए
9:07 to 9:11 → दिए गए Market Order के लिए खरीददार से मिलान करने का समय
9:11 to 9:15 → Ideal समय
एक नजर इधर भी-
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Post Market Session
आसान शब्दों में कहें तो यह सत्र बाजार के सामान्य समय की बात का होता है जिसमें हम एक निश्चित मूल्य पर शेयर को ख़रीद सकते है |
Pre Market Session के समान यहां पर भी कुछ विशेष निवेशकों को ही शेयर बाजार में ख़रीददारी करना Allow रहता है |
Post Market Session एक निश्चित पूर्व-निर्धारित मूल्य पर शेयर खरीदने और बेचने के लिए है। सामान्य ट्रेडिंग (Trading) सत्र 9:15 to 3:30 के समापन के बाद हमें शेयर का निश्चित मूल्य पता चलता है |
क्योंकि उसके बाद शेयर शेयर बाजार में ट्रेडिंग बंद हो जाती है जिसके कारण हमें किसी विषय का निश्चित मूल्य पता चल जाता है |
BSE और NSE में Post Market सत्र 3:40 बजे से शाम 4 बजे के बीच आयोजित किया जाता है।
यह Pre Market Session के समान, केवल इक्विटी कैश सेगमेंट के लिए है। यह F & O सेगमेंट के लिए लागू नहीं होता है।
अब भारतीय शेयर बाजार का समय जानने के बाद आइए अब जानते हैं कि शेयर बाजार में निवेशक कितने प्रकार के होते है ?
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निवेशक कितने प्रकार के होते है -Types Of Investor ?
शेयर बाजार में जो भी निवेश करता है उसको निवेशक बोलते है परंतु इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि केवल एक एक व्यक्ति को ही निवेशक बोलते हो निवेशक एक व्यक्ति या एक कंपनी या कई व्यक्तियों के समूह को भी बोल सकते है |
तो आइए ना समझते हैं कि शेयर बाजार में निवेशक कितने प्रकार के होते है और इनको कैसे विभाजित किया गया है?
सामान्यता: निवेशक को शेयर बाजार में चार भागों में विभाजित किया गया है :
- RII (Retail Investor Individual) खुदरा निवेशक
- HNI (High Investor Individual) उच्च निवेशक
- DII (Domestic Institutional Investor) घरेलू संस्थागत निवेशक
- FII (Foreign Institutional Investor) विदेशी संस्थागत निवेशक
◊RII (Retail Investor Individual) खुदरा निवेशक
एक खुदरा निवेशक (Retail Investor), जिसे व्यक्तिगत निवेशक के रूप में भी जाना जाता है, एक गैर-पेशेवर निवेशक है
जो पारंपरिक या ऑनलाइन ब्रोकरेज फर्मों या अन्य प्रकार के निवेश खातों के माध्यम से, शेयर, म्यूचुअल फंड या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) को खरीदता है और बेचता है।
खुदरा निवेशक बड़े संस्थागत निवेशकों की तुलना में बहुत कम मात्रा में निवेश करते हैं |
सामान्य तौर पर जब कोई एक व्यक्ति शेयर बाजार में कुछ ही Shares खरीदने व बेचते हैं तो ऐसे निवेशकों को खुदरा निवेशकों की श्रेणी में रखा जाता है | इनको हम इंग्लिश में Retail Investor भी बोलते है|
◊ HNI (High Investor Individual) उच्च निवेशक
HNI व्यापार चैनलों पर आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है जिसका मतलब उच्च निवेशक होता है | सामान्य तौर पर इस श्रेणी में अमीर निवेशकों को रखा जाता है |
HNI एक प्रकार का खुदरा निवेशक होता है जो एक बहुत बड़ा अमाउंट शेर खरीदने में वह बेचने में उपयोग करता है |
भारत में High investor Individual के रूप में परिभाषित करने के लिए कोई विशिष्ट net-worth संख्या नहीं है।
आमतौर पर, कोई भी व्यक्ति जो 5 करोड़ या उससे अधिक का निवेश करता है उसको, ‘उच्च नेट-मूल्य वाले व्यक्ति’ माना जाता है।
निवेश योग्य में अचल संपत्ति में निवेश शामिल नहीं है, उदाहरण के लिए, जिस घर में व्यक्ति रहता है, उसके फार्म हाउस या उसकी कारें – को निवेश योग्य के तहत नहीं गिना जाता है।
◊ DII (Domestic Institutional Investor) घरेलू संस्थागत निवेशक
इस प्रकार के निवेशक कोई एक व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह नहीं होते हैं जबकि यह एक वित्तीय कंपनी होती है जो निवेशक के तौर पर पैसा शेयर बाजार, सिक्योरिटी या देश की अन्य संपत्तियों में लगाते है |
सामान्य तौर पर Domestic Institutional Investor के अंतर्गत तमाम तरह के म्युचुअल फंड, इक्विटी फंड अथवा इंश्योरेंस कंपनी व अन्य प्रकार की विधि कंपनियां आती हैं |
उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति Axis Mutual Fund में अपने पैसे का निवेश करता है। जो पैसा, शेयर बाजार में निवेश किया जाना है, वह व्यक्ति उसे Axis Mutual Fund एसेट मैनेजमेंट कंपनी में स्थानांतरित कर देता है |
इसी प्रकार से बहुत से व्यक्ति अपना पैसा इन म्यूच्यूअल फंड कंपनियों में निवेश करते हैं और फिर यह म्यूच्यूअल फंड कंपनियां सारा पैसा इकट्ठा कर, सारा पैसा शेयर बाजार में निवेश करती हैं |
◊ FII (Foreign Institutional Investor) विदेशी संस्थागत निवेशक
एक विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) एक निवेशक या निवेश निधि है जो उस देश के बाहर निवेश करता है जिसमें वह पंजीकृत या मुख्यालय है।
विदेशी संस्थागत निवेशक शब्द भारत में सबसे अधिक उपयोग किया जाता है, जहां यह देश के वित्तीय बाजारों में निवेश करने वाली बाहरी संस्थाओं को संदर्भित करता है।
यह भी DII की ही तरह छोटे छोटे निवेशकों का पैसा इकट्ठा कर उसे शेयर बाजार में निवेश करता है |
कुछ देश विदेशी निवेशकों द्वारा निवेश के आकार पर प्रतिबंध लगाते हैं।
हमने अब जान लिया कि शेयर बाजार में निवेशक कितने प्रकार के होते है आप जानते हैं कि LTP क्या होता है ?
LTP क्या होता है ?
LTP का इंग्लिश में पूरा नाम Last Traded Price होता है यह वह मूल्य होता है जिस पर शेयर बाजार में किसी शेयर को वर्तमान समय से ठीक पहले बेचा या खरीदा गया हो |
आसान भाषा में कहें तो LTP को ट्रेडिंग (Trading) के समय शेयर का वर्तमान में मूल्य भी माना जा सकता है |
सामान्य तौर पर LTP का मूल्य BSE और NSE में अलग-अलग होता है क्या आपको पता है ऐसा क्यों होता है ?
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि BSE और NSE में अलग-अलग Supply और Demand होती है |
आज आपने क्या सीखा
दोस्तों आज हमने सीखा भारतीय शेयर बाजार का समय और जाना हमने निवेशक कितने प्रकार के होते है
हमने बहुत छोटी -छोटी जानकारियाँ प्राप्त की और दोस्तों हमने इस आर्टिकल भारतीय शेयर बाजार का समय इसको इस प्रकार लिखा है की आपको कंही भी दूसरी जगह भटकने की बिलकुल भी जरूरत नहीं पड़ेगी |
बस हमें आपका पूर्ण सहयोग चाहिए जिससे की हम आपको नए नए आर्टिकल पढने के लिए दे सकें |
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