दोस्तों आज समझते हैं कि शेयर बाजार में आर्डर क्या है ?
दोस्तों इससे पहले हमने जाना शेयर बाजार से जुडी और भी जानकारियाँ प्राप्त की अगर आपने वह ब्लॉग नहीं देखें तो कृपया पहले देखें|
〉 What Is Share Market In Hindi -शेयर बाजार क्या है हिंदी में और इसमें निवेश कैसे करें ?
आइये अब समझते है आसान भाषा में शेयर बाजार में आर्डर क्या है और यह कितने प्रकार का होता है इससे जुडी सभी जानकारियाँ हम विस्तार से जानेंगे |
अनुक्रम
- 1 शेयर बाजार में आर्डर क्या है -What Is Order In Share Market
- 2 शेयर बाजार में Order कितने प्रकार के होते हैं ?
- 3 Market Order क्या है ?
- 4 Limit Order क्या है ?
- 5 Stop Loss Order क्या है ?
- 6 After Market Order या AMO क्या है ?
- 7 Cover Order या CO क्या है ?
- 8 Bracket Order या BO क्या है ?
- 9 Good Till Cancel Order या GTCO क्या है ?
- 10 ♣ आज आपने क्या सीखा ♣
शेयर बाजार में आर्डर क्या है -What Is Order In Share Market
इससे जुड़े आपको बहुत सारे आर्टिकल गूगल पर मिल जाएंगे परंतु आज हम आपको कुछ ऐसी चीजें बताएंगे जो आपको कहीं पर भी नहीं मिलेगा|
दोस्तों जैसा कि हमने अपने पिछले ब्लॉग में यह समझा है कि आप सीधे तौर पर कंपनी से शेयर नहीं खरीद सकते हैं उसके लिए आपको एक ब्रोकर की आवश्यकता होती है जो आपके लिए स्टॉक एक्सचेंज से शेयर खरीदता है |
क्योंकि आप यहां पर ब्रोकर को शेयर खरीदने का आर्डर देते हैं और फिर ब्रोकर आपके लिए उस शेयर को खरीदता है इसीलिए शेयर बाजार में शेयर खरीदने को शेयर का ऑर्डर करना बोला जाता है |
मुझे उम्मीद है कि अब आप यह समझ चुके होंगे कि शेयर बाजार में आर्डर क्या है ? आइए आप जानते हैं कि हम कितने प्रकार से शेयर बाजार में ऑर्डर कर सकते हैं और उनके बारे में एक एक कर विस्तार से जानेंगे |
शेयर बाजार में Order कितने प्रकार के होते हैं ?
जब भी किसी व्यक्ति को किसी कंपनी का शेयर खरीदना होता है तो वहां अपने ब्रोकर को शेयर खरीदने का ऑर्डर देता है यह आर्डर कई प्रकार के होते हैं
- Market Order (मार्केट ऑर्डर)
- Limit Order (लिमिट ऑर्डर)
- Stop Loss Order (स्टॉप लॉस ऑर्डर)
- After Market Order (आफ्टर मार्केट आर्डर)
- Cover Order (कवर ऑर्डर)
- Bracket Order (ब्रैकेट ऑर्डर)
- Good till cancel order (गुड टिल कैंसिल ऑर्डर)
तो दोस्तों आपने देखा कि हम कुल 7 प्रकार से शेयर के आर्डर को अपने ब्रोकर को दे सकते हैं | आइए अब एक-एक करके सारे Orders को विस्तार से समझते हैं |
Market Order क्या है ?
हम आपको बहुत ही सरल भाषा में यह समझाने का प्रयत्न करेंगे कि Market Order क्या है ?
“ Market Order ब्रोकर को यह बताता है कि आपको मूल्य की परवाह किए बिना शेयर को जल्दी से जल्दी खरीदना है ”
यदि आप Market Order का उपयोग करते हैं, तो आप शेयर को उस मूल्य पर भी खरीद सकते है जो कि LTP(Last Traded Price) से दूर हो |
उदाहरण: उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि आप ITC कंपनी के 10 शेयर खरीदना चाहते है उस समय ITC का Last Trade Price (LTP) 200 है |
और आपने Market order Place किया है तो ऐसी स्थिति में ब्रोकर आपको ITC कंपनी के 10 शेयर Price की परवाह किए बिना आपको किसी भी प्राइस में खरीद कर देगा |
यह प्राइस ₹200 से कम या ज्यादा हो सकते है | मान लीजिए कि यह आपको ₹202 का मिलता है तो यहां आपको प्रति शेयर ₹ 2 ज्यादा का भुगतान करना पड़ेगा |
ITC – 202 * 10 = 2020 तो इस हिसाब से आपको 10 शेयर के लिए ₹20 अधिक देना पड़ेगा |
अब आप यह सोच रहे होंगे कि शेयर प्राइस में इतनी जल्दी बदलाव कैसे होता है ?
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हर कंपनी के शेयर को खरीदने और बेचने के लिए Bid Price और Offer Price होते है |
आइए अब जानते जानते हैं कि Bid Price और Offer Price क्या होते हैं ?
Bid Price क्या होता है ?
सरल भाषा में समझे तो बोली मूल्य (Bid Price) वह मूल्य होता है जिस पर कोई व्यक्ति शेयर खरीदने के लिए तैयार है।
Offer या Ask Price क्या होता है ?
Offer या Ask Price वह मूल्य होता है जिस पर कोई व्यक्ति शेयर बेचने को तैयार है |
जब भी आप Market Order Place करते हैं तो ब्रोकर आपके लिए शेयर को Ask Price से खरीदता है तथा Bid Price से बेचता है |
Note – Bid Price और Ask Price के बीच की दूरी को Bid-Price Spread कहा जाता है।
Pros and Cons of Market Order
Limit Order क्या है ?
Market Order समझने के बाद आइए अब समझते है कि Limit Order क्या है ?
लिमिट ऑर्डर एक ऐसा ऑर्डर होता है जिसमें हम ब्रोकर को शेयर खरीदने और बेचने के लिए एक निश्चित मूल्य या Limit बता देते हैं जिस पर उस शेयर को खरीदना और बेचना होता है |
उदाहरण : उदाहरण के तौर पर मान लीजिए आपको ITC Company के 10 शेयर खरीदने हैं और अभी ITC का LTP ₹202 है |
और आप चाहते हैं कि जब यह प्राइस ₹200 में आ जाए तो आप इस शेयर को खरीद लेंगे |
तो आप ब्रोकर को लिमिट ऑर्डर के तहत ₹200 की लिमिट दे सकते हैं जिससे जब भी यह प्राइस ₹200 में आएगा तो ब्रोकर इसको आपके लिए खरीद लेगा |
“Limit Order अधिकतम या न्यूनतम मूल्य निर्धारित करता है जिस पर आप खरीदने या बेचने के इच्छुक है”
Pros and Cons क्या है लिमिट order के आइये जानते हैं ?
Stop Loss Order क्या है ?
हमने अभी लिमिट ऑर्डर के बारे में समझा है और जाना है कि Limit order क्या है ? Stop Loss Order भी एक प्रकार का Limit order है जो हमें शेयर बाजार में नुकसान से बचाता है |
तो दोस्तों हम विस्तार से आपको बताएंगे कि Stop Loss Order क्या है ?
स्टॉप-लॉस ऑर्डर एक ब्रोकर के साथ रखा गया ऑर्डर होता है जो शेयर को एक निश्चित मूल्य तक पहुंचने के बाद एक विशिष्ट शेयर बेचने के लिए होता है।
एक स्टॉप-लॉस एक सुरक्षा स्थिति पर एक निवेशक के नुकसान को सीमित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
उदाहरण: उदाहरण के लिए, आपने जिस मूल्य पर स्टॉक खरीदा था, उसके नीचे 10% के लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट करना आपके नुकसान को 10% तक सीमित कर देगा।
जैसे ही आपके द्वारा खरीदा गया है शेयर अगर 10 परसेंट से नीचे गिर जाता है आपका शेयर ऑटोमेटिक बिक जाएगा जिससे कि अगर यह शेयर और गिरता तो उस नुकसान से आप बच जाएंगे |
Pros and Cons क्या है Stop Order में आइये जानतें है –
After Market Order या AMO क्या है ?
जैसे कि इसका नाम है After Market Order वैसे ही यह काम करता है यह आर्डर सामान्य Market Hours के बाद Order किया जाता है |
यह सुविधा उन लोगों के लिए उपलब्ध है जो 9:15 AM से 3:30 PM तक बाजारों को सक्रिय रूप से Track नहीं कर सकते हैं।
आप Equity/Share सेगमेंट के लिए NSE के लिए 3:45 बजे से 8:57 बजे तक एनएसई और 3:45 से 8:59 बजे तक बीएसई के लिए (प्री-ओपनिंग सेशन से ठीक पहले) तक ऑर्डर कर सकते हैं।
After Market Order सभी स्टॉक एक्सचेंज में Market Hours के बाद रखे जा सकते है | कृपया ध्यान दें कि यदि आप 9:15 AM और 3:45 PM के बीच कोई भी मार्केट ऑर्डर करते हैं, तो उन्हें अस्वीकार कर दिया जाएगा।
“After Market Order को केवल 3:45 Pm और 8:59 AM इक्विटी के लिए अनुमति है।”
Cover Order या CO क्या है ?
दोस्तों Cover Order एक विशेष प्रकार का Order होता है जिसका उपयोग एक व्यक्ति केवल Intraday Trading के लिए कर सकता है |
जैसा कि इसका नाम Cover Order है यह आपको Stop Loss Order के माध्यम से सुरक्षित होने के दौरान अतिरिक्त जोखिम का लाभ उठाने देती है |
यह Stop Loss Order से अलग है क्योंकि Cover Order में आप एक साथ दो तरीके के Order को इस्तेमाल करते है |
प्रणाली दो Order को एक साथ रखती है: एक Market Order या Limit Order और एक Stop Loss Order जो केवल Stop Loss के Trigger मूल्य पर Trigger होगा।
यदि Trigger मूल्य Hit होता है, तो Stop Loss Order उस समय के Current Price के अनुसार बिक जाता है |
इन दोनों Orders को एक साथ रखने के संयोजन को Cover Order के रूप में जाना जाता है। Cover Order आपको किसी भी संभावित नुकसान को सीमित करने में मदद करते हैं जो किसी स्थिति पर हो सकता है।
उदाहरण : उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि रिलायंस इंडस्ट्रीज़ रु 900 पर कारोबार कर रही है और यहां पर आप Cover Order के जरिए चाहे तो Market Price(Market Order) के अनुसार Order दे या किसी Fixed Price (Limit Order) पर ऑर्डर दे सकते हैं और इसके अलावा आप एक Stop-loss Order भी प्लेस कर सकते हैं |
ऐसा करने पर आपको Intraday-Trading पर दो आर्डर को एक साथ मिलाकर Place कर सकते हैं जिससे आपका समय भी बचेगा | इसीलिए यह कवर ऑर्डर Intraday-Trading में बहुत उपयोगी होता है |
दोस्तों हम आशा करते है की आपको समझ आया होगा की शेयर बाजार में आर्डर क्या है |
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Bracket Order या BO क्या है ?
Bracket Order भी Cover Order की तरह केवल Intraday-Trading में उपयोग होता है इसमें भी आपको खुद से शेयर बेचने की जरूरत नहीं है जब भी यह आपके द्वारा दिए गए Target के पास पहुंच जाएगा तो Automatic Sell हो जाता है |
जैसा कि आपको इस के नाम से पता चल रहा होगा कि यह एक ब्रैकेट के अनुसार काम करेगा | जैसे एक ब्रैकेट Upper Value और Lower Value के बीच काम करता है वैसे ही यह Bracket Order भी काम करेगा |
चलिए आपको और सरल भाषा में समझाते है कि Bracket Order क्या है ?
Bracket Orders आपके नुकसान को सीमित करने और दो विपरीत साइड वाले ऑर्डर के साथ “ब्रैकेटिंग” करके एक लाभ में लॉक करने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
यह भी दो प्रकार के Order से मिलकर बना होता है एक BUY ऑर्डर को एक उच्च-साइड सेल लिमिट ऑर्डर और एक कम-साइड Stop-loss order द्वारा ब्रैकेट किया गया है।
उदाहरण : उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि रिलायंस इंडस्ट्रीज़ रु 900 पर कारोबार कर रही है और आपको यहां पर रिलायंस के शेयर की इंट्राडे ट्रेडिंग करनी है
तो आप यहां पर आपको दो टारगेट सेट करने हैं एक टारगेट जो आपको नुकसान से बचाएगा और एक जो आपको लाभ देने के बाद ऑटोमेटिक सेल हो जाएगा |
तो मान लेते हैं आपने एक टारगेट ₹890 और दूसरा ₹907 रखा है तो जब भी रिलायंस का शेयर 1 दिन के अंदर अगर 890 तक आता है तो आपका शेयर ऑटोमेटिक बिक जाएगा |
और यदि यह शेयर बढ़कर ₹907 तक पहुंच गया तो भी आपका यह सिर्फ ₹907 में बिक जाएगा |
तो इस तरह से आप एक ब्रैकेट के अनुसार Share में Trade कर सकते है Bracket Order और Cover Order दोनों में एक Computer Algorithms काम करती है जो यह सारा Process Automatic Perform करती है |
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Good Till Cancel Order या GTCO क्या है ?
तो दोस्तों आपने अभी तक बहुत सारे शेयर बाजार से जुड़े Order के बारे में पढ़ लिया है आइए जानते हैं कि यह Good Till Cancel Order क्या है ?
Good Till Cancel Order या GTCO एक प्रकार के Order का वर्णन करता है जो एक निवेशक को सुरक्षा खरीदने या बेचने के लिए हो सकता है
जो तब तक सक्रिय रहता है जब तक कि Order पूरा नहीं हो जाता है या निवेशक इसे रद्द कर देता है।
ब्रोकरेज आम तौर पर अधिकतम समय सीमा को सीमित रखेंगे जब आप जीटीसी ऑर्डर को 90 दिनों के लिए खुला (सक्रिय) रख सकते हैं।
एक जीटीसी आदेश एक तत्काल या रद्द (आईओसी) आदेश के साथ विपरीत हो सकता है।
उदाहरण : उदाहरण के लिए मान लीजिए आपको किसी कंपनी का शेयर अभी नहीं खरीदना है परंतु आप एक निश्चित मूल्य का इंतजार कर रहे हैं कि जब वह मूल्य पर वह शेयर पहुंच जाएगा तब आप खरीदेंगे
तो आप Good Till Cancel Order के जरिए शेयर का आर्डर दे सकते हैं तो यह Order या तो कंप्लीट हो जाएगा यदि शेयर उस प्राइस तक पहुंच गया तो,
अगर नहीं पहुंचा तो यह आपके ब्रोकर द्वारा 90 दिनों के बाद ऑटोमेटिक कैंसिल कर दिया जाएगा |
♣ आज आपने क्या सीखा ♣
दोस्तों आज हमने शेयर बाजार में आर्डर क्या है इससे जुडी सभी तरह की जानकारी आसान भाषा में प्राप्त की हम आशा करतें है आपको अच्छी तरह समझ आया होगा |
दोस्तों हमने इस आर्टिकल शेयर बाजार में आर्डर क्या है इसको इस प्रकार लिखा है की आपको कंही भी दूसरी जगह भटकने की बिलकुल भी जरूरत नहीं पड़ेगी |
दोस्तों सिर्फ यही आर्टिकल नहीं हमने अपने ब्लॉग में सभी आर्टिकल को इस प्रकार लिखा है की आसानी से कोई भी समझ सकता है |
बस हमें आपका पूर्ण सहयोग चाहिए जिससे की हम आपको नए नए आर्टिकल पढने के लिए दे सकें |
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