एक अच्छी कंपनी की पहचान कैसे करें इसको हम अपने आने वाले ब्लॉग में जरूर बताएंगे परंतु उससे पहले आपको शेयर बाजार से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण शब्द जानना आवश्यक है |
शेयर बाजार के महत्व को हम समझ चुके हैं और शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या जरूरी होता है यह भी समझ लिया है अगर आपने अभी तक यह नहीं समझा है तो हमारे दिए हुए ब्लॉग में जाकर पढ़ सकते हैं |
क्या आप जानते हैं कि हर कोई शेयर बाजार में पैसा नहीं कमा सकता है क्योंकि शेयर बाजार में पैसा कमाने के लिए आपको एक अच्छी कंपनी की पहचान होना बहुत आवश्यक है |
क्योंकि शेयर बाजार से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण शब्द ही आपको एक अच्छी कंपनी की पहचान करने में मदद करेंगे |
तो चलिए आज हम आपको शेयर बाजार की शब्दावली बताएँगे जो आपको एक अच्छी कंपनी की पहचान करने के लिए जानना बहुत आवश्यक है |
चलिए समझते है अब शेयर बाजार से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण शब्द |
अनुक्रम
- 1 शेयर बाजार से जुड़े शब्द – Some Important words related to stock market
- 2 Market Capitalization (Market Cap) क्या है ?
- 3 Face Value क्या होती है ?
- 4 EPS (TTM) का हिंदी में क्या मतलब होता है ?
- 5 P/E Ratio क्या है ?
- 6 Book Value क्या होती है ?
- 7 P/B Ratio क्या होता है ?
- 8 Dividend Yield क्या है ?
- 9 ROE Ratio क्या है ?
- 10 Deliverables क्या है ?
- 11 Standalone Financial statements (स्टैंड-अलोन वित्तीय विवरण )
- 12 Consolidated Financial statements (कंसोलिडेटेड वित्तीय विवरण)
- 13 ♣ आज आपने क्या सीखा ♣
शेयर बाजार से जुड़े शब्द – Some Important words related to stock market
आयें आज आपको शेयर बाजार से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण शब्द से अवगत कराते हैं जो सामान्य तौर पर आपने बहुत सुना होगा या आप जब निवेश करेंगे तब सुनेंगे, परन्तु आपको शेयर बाजार में निवेश से पहले इन शब्दों का ज्ञान बहुत जरूरी है |
तो चलिए हम आपको शेयर बाजार की शब्दावली के बारे में बताते है जिसका जानना आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है|
ये सारे शब्द किसी कंपनी आंकड़े को दर्शाता है इनका उपयोग करके आप यह जान सकते की जिस कंपनी आप निवेश करने जा रहे वह आपके लिए कितनी सही है |
Market Capitalization (Market Cap) क्या है ?
दोस्तों आपने समझा लिया होगा की शेयर बाजार से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण शब्द आइये अब समझते है की Market Cap
Market Capitalization या Market Cap. का हिंदी मतलब बाजार पर कब्जा होता है
यह दर्शाता है की उस कंपनी का शेयर बाजार में कितना मूल्य है या कितना कब्ज़ा है |
जिस कंपनी का जितना ज्यादा Market Cap. होता है वह कंपनी उतनी बड़ी कंपनी होती है |
Market Cap. के आधार पर ही शेयर बाजार में कंपनी को तीन भागों में बंटा जाता है Large Cap कंपनी, Mid Cap कंपनी और Small Cap कंपनी
Large Cap कंपनी Market Cap. के मामले में पहली से 100 वीं कंपनी
Mid Cap कंपनी Market Cap. के मामले में 101 वीं से 250 वीं कंपनी
Small Cap कंपनी Market Cap. के मामले में 251 वीं कंपनी आगे
Market Cap. गणना करने का सूत्र है
Market Cap. = प्रत्येक शेयर की कीमत x कुल शेयर धारक
इससे पता चलता है की किसी कंपनी की मूल्यांकन उसके शेयर की कीमत से नहीं बल्कि उसके Market Cap. से होती है | Market Cap शेयर बाजार की शब्दावली का पहला शब्द है |
एक बार इनको भी देखें –
〉 निवेश क्यों जरूरी और निवेश कैसे करें ? Why Investment is so Important and How To Invest ?
〉 शेयर बाजार में आर्डर क्या है ? और यह कितने प्रकार के होते हैं ?
〉 भारत में ऑनलाइन पैसा कैसे कमायें 2020 में (बिना पैसे लगायें )
Face Value क्या होती है ?
आसान भाषा में Face Value प्रमोटर्स(Promoters) द्वारा तय किए गए शेयर की शुरुआती कीमत है। सामान्य तौर पर किसी कंपनी की Face Value एक पूर्ण संख्या होती है जैसे 1, 2,5, तथा 10 होती है |
EPS (TTM) का हिंदी में क्या मतलब होता है ?
EPS – Earning Per Share (प्रति शेयर कमाई)
TTM – Trailing twelve Month (पिछले बारह महीने)
शेयर बाजार की शब्दावली का एक महत्वपूर्ण शब्द है आइए समझते हैं कि ईपीएस क्या होता है ?
आसान भाषा में समझे तो पिछले 12 महीने में कंपनी के एक शेयर में मिलने वाला लाभ होता है इसे ही EPS(TTM) कहते है | यहां पर TTM पिछले 12 महीने को दर्शाता है |
EPS गणना करने का सूत्र है:
EPS = कुल आय / कुल शेयर धारक
उदाहरण के लिए, अगर किसी कंपनी abc जिसकी 12 महीने की कुल आय 8 लाख रु. है और उसके कुल शेयर धारक 4 लाख है तो उस कंपनी का EPS
EPS = 80,0000 / 40,0000
EPS = 2 रुपए प्रति शेयर होगा
P/E Ratio क्या है ?
P/E Ratio – Price to Earning Ratio (मूल्य से आय का अनुपात)
आसान भाषा में समझे तो यह अनुपात, कंपनी के एक शेयर का मूल्य और कंपनी के एक शेयर में मिलने वाला लाभ का अनुपात होता है |
हमने ऊपर से अभी सीखा है की कैसे एक शेयर का लाभ निकालते है | सामान्यतः P/E अनुपात गणना में पिछले 12 महीने को लिया जाता है |
P/E Ratio शेयर बाजार से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण शब्द में से एक सबसे ज्यादा उपयोग होने वाला शब्द है|
P/E Ratio गणना करने का सूत्र है
P/E Ratio = कंपनी के एक शेयर का मूल्य(Price) / प्रति शेयर कमाई(EPS)
दुनिया भर में विश्लेषकों और निवेशकों द्वारा सबसे व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले मैट्रिक्स में से एक है, P/E Ratio. इससे हम यह पता लगा सकते है की एक शेयर में कमाई के मुकाबले हम कितना पैसा दे रहे है
आपको अगर कंपनी का सही से मूल्यांकन करना है तो आप उसके P/E ratio को उसी इंडस्ट्री की दूसरी कम्पनी से तुलना कर सकते है |
या आप सीधे इंडस्ट्री P/E से तुलना कर सकते है अगर कंपनी का P/E > इंडस्ट्री के P/E से ज्यादा है तो उस समय उस कंपनी का शेयर मूल्य बहुत ज्यादा है |
जब तक आप एक अच्छे निवेशक नहीं बन जाते, तब तक कभी भी 10 या उससे कम वाले P/E शेयर को न खरीदे।
〉 सेबी क्या है हिंदी में और यह कैसे कार्य करता है ?
〉 स्टॉक एक्सचेंज क्या है हिंदी में -What is Stock Exchange In Hindi
Book Value क्या होती है ?
Book Value जानने से पहले हमारा यह जानना बहुत महत्वपूर्ण है कि Assests(संपत्ति)
और Liabilities (देनदारिया) क्या होती है ?
Assets (संपत्ति) : शेयर बाजार में Assets किसी कंपनी की संपत्ति को कहा जाता है उदाहरण के लिए कंपनी की इमारत, कारखाने, अथवा बैंक में जमा पैसा इत्यादि उसका Assets यानि संपत्ति होता है |
Liabilities (देनदारिया): किसी कंपनी द्वारा लिया गया लोन(Loan), या अन्य किसी प्रकार की देनदारी को उस कंपनी की Liabilities (देनदारिया) बोलते है |
किसी कंपनी की कुल संपत्ति व कुल देनदारियो के अंतर को उस कंपनी की Book Value कहते है | Book Value गणना करने का सूत्र है:
किसी कंपनी का Book Value = कुल संपत्ति – कुल देनदारियाँ
P/B Ratio क्या होता है ?
P/B Ratio – Price to Book Ratio (मूल्य से बुक वैल्यू का अनुपात)
जैसा की हम ऊपर पढ़ चुके है ठीक उससे मिलता जुलता P/B अनुपात होता है बस यहां पर अनुपात – कंपनी के एक शेयर का मूल्य व उसके book value का होता है |
P/B Ratio शेयर बाजार की शब्दावली में यह शब्द P/E Ratio से मिलता जुलता है |
P/B Ratio गणना करने का सूत्र है
P/B Ratio = कंपनी के एक शेयर का मूल्य(Price) / कंपनी की बुक वैल्यू (Book Value)
P/B अनुपात का उपयोग किसी शेयर के बाजार मूल्य की उसके बुक मूल्य(Book Value) के साथ तुलना करने के लिए किया जाता है।
यदि कंपनी ने परिचालन बंद किया, तो यह संख्या बताती है कि सभी बकाया दायित्वों के निपटारे के बाद और कितनी संपत्ति बची रहेगी।
एक कंपनी जो बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही है, वह हमेशा कमाई और विकास की क्षमता के लिए अपनी बुक के मूल्य से अधिक होगी।
आसान भाषा में कहे तो पुस्तक मूल्य वह है जो शेयरधारकों के लिए छोड़ दिया जाएगा यदि कोई कंपनी अपना परिचालन बंद कर देती है |
Dividend Yield क्या है ?
Dividend Yield कंपनी द्वारा अपने शेयर धारकों एक शेयर के मूल्य मुकाबले दिया गया डिविडेंड (Dividend) प्रतिशत मान होता है
Dividend Yield गणना करने का सूत्र है
Dividend Yield = (डिविडेंड / कंपनी के एक शेयर का मूल्य) * 100
ROE Ratio क्या है ?
ROE – Return on Equity (इक्विटी पर लाभ)
ROE कंपनी में अपने शेयरधारक के निवेश से लाभ उत्पन्न करने के लिए एक कंपनी की क्षमता को मापता है।
शेयर बाजार से जुड़े शब्द में से यह भी एक बहुत उपयोगी शब्द है |
दूसरे शब्दों में, इक्विटी अनुपात पर वापसी से पता चलता है कि आम Share Holders की इक्विटी का प्रत्येक रुपया कितना लाभ कमाता है।
Return on Equity = कंपनी का कुल लाभ / कंपनी के कुल इक्विटी का दाम
उदाहरण: उदाहरण के तौर पर मान लीजिए दो कंपनी हैं A और B दोनों 500 करोड़ का लाभ 1 साल में उत्पन्न करती हैं मगर इनमें से कौन सी अच्छी कंपनी है ?
इसका पता करने के लिए इसको पता करने के लिए हम यह देखेंगे कि कौन सी कंपनी कम इक्विटी पर ज्यादा लाभ उत्पन्न करती हैं ROE अनुपात इसी चीज को दर्शाता है |
सामान्य तौर पर ROE अनुपात को 10 या उससे कम होना चाहिए |
मगर टेक्नोलॉजी कंपनियों का ROE अनुपात ज्यादा भी हो सकता है तो इसके लिए आप जिस कंपनी का ROE देख रहे हो उसी तरह की इंडस्ट्री से आप उस ROE की तुलना करके बेहतर कंपनी को पहचान सकते हैं |
दोस्तों हम आशा करतें है आपको यह शेयर बाजार की शब्दावली समझ आ रही होगी |
Deliverables क्या है ?
दैनिक आधार पर शेयर बाजार में प्रत्येक दिन लाखों के शेयर खरीदे या बेचे जाते जाते हैं परंतु Deliverables उसमें से लोगों द्वारा डीमैट खाते में ली गई कुल डिलीवरी के Average को दर्शाता है |
आसान भाषा में कहें तो Deliverables कंपनी के शेयर के डीमैट खाते में ली गई कुल डिलीवरी के Average को दर्शाता है |
Standalone Financial statements (स्टैंड-अलोन वित्तीय विवरण )
कभी-कभी किसी कंपनी की एक से अधिक इकाइयां होती हैं तो इस प्रकार का वित्तीय विवरण उनमें से किसी एक इकाई के वित्तीय विवरण को दर्शाता है |
यदि किसी कंपनी की केवल एक ही इकाई है तो उसका केवल एक ही स्टैंडअलोन वित्तीय विवरण होगा |
Consolidated Financial statements (कंसोलिडेटेड वित्तीय विवरण)
यदि किसी कंपनी की बहुत सारी इकाइयां हैं तो सारी इकाइयों का वित्तीय विवरण देखने के लिए हम कंसोलिडेटेड वित्तीय विवरण की सहायता लेते हैं|
जो एक साथ सारी इकाइयों कि वित्तीय विवरण को बताता है |
कंसोलिडेटेड वित्तीय विवरण और स्टैंड-अलोन वित्तीय बयानों के बीच मुख्य अंतर यह है कि समेकित रूप एक कंपनी और उसकी सहायक कंपनियों की सभी गतिविधियों को एक संयुक्त इकाई के रूप में रिपोर्ट करता है,
जबकि स्टैंडअलोन वित्तीय विवरण इन निष्कर्षों को एक अलग इकाई के रूप में रिपोर्ट करते हैं।
♣ आज आपने क्या सीखा ♣
दोस्तों आज हमने शेयर बाजार की शब्दावली को अच्छी तरह से समझा |
दोस्तों हमने इस आर्टिकल शेयर बाजार से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण शब्द इसको इस प्रकार लिखा है की आपको कंही भी दूसरी जगह भटकने की बिलकुल भी जरूरत नहीं पड़ेगी
दोस्तों सिर्फ यही आर्टिकल नहीं हमने अपने ब्लॉग में सभी आर्टिकल को इस प्रकार लिखा है की आसानी से कोई भी समझ सकता है
बस हमें आपका पूर्ण सहयोग चाहिए जिससे की हम आपको नए नए आर्टिकल पढने के लिए दे सकें
अपने दोस्तों ,रिश्तेदारों,पड़ोसियों को खूब शेयर करें जिससे की हमें लिखने के लिए उत्साह मिलेगा
अगर आपको यह लेख पढ़ने में मज़ा आया और यदि आपके पास कोई प्रश्न है तो आप इसे Comment Box में लिख सकते हैं। आपके नए अनुभव के लिए शुभकामनाएँ और हमेशा आगे बढ़ते रहें |