हमने इससे पहले निवेश के महत्व को समझा और निवेश करने के लिए डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में जाना आइये आज जानते है कि स्टॉक एक्सचेंज क्या है हिंदी में|
Today we will Discuss About what is Stock Exchange In Hindi
अनुक्रम
- 1 स्टॉक एक्सचेंज क्या है हिंदी में – What is Stock Exchange in Hindi ?
- 2 भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों की सूची
- 3 डिपॉजिटरी क्या है – What Is Depository ?
- 4 हमारे भारत में दो प्रकार की डिपॉजिटरी है –
- 5 नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL)
- 6 सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL)
- 7 Depository Person या (DP) क्या होता है ?
- 8 Dividend अथवा लाभांश क्या होता है ?
- 9 Dividend से जुडी महत्वपूर्ण तिथियां
- 10 आज आपने क्या सीखा
स्टॉक एक्सचेंज क्या है हिंदी में – What is Stock Exchange in Hindi ?
तो दोस्तों अभी तक आप शेयर बाज़ार के बारे में काफी जानकारियाँ प्राप्त कर चुके होंगे अगर आपने अभी तक वह जानकरियां नहीं प्राप्त की तो कृपया नीचे दिए गये लिंक पे जाकर आप वह जानकारियाँ ले सकते है
› What Is Share Market In Hindi -शेयर बाजार क्या है हिंदी में और इसमें निवेश कैसे करें ?
दोस्तों आज हम स्टॉक एक्सचेंज क्या है हिंदी में जानेंगे और उससे जुड़ी हर एक छोटी सी छोटी जानकारियाँ आपके साथ साझा करेंगे |
जब भी किसी व्यक्ति को किसी कंपनी के शेयर खरीदने होते हैं तो वह व्यक्ति उस कंपनी के शेयर किसी विशेष जगह से खरीद सकता हैं उसी जगह को स्टॉक एक्सचेंज बोलते हैं |
आसान भाषा में कहे तो स्टॉक एक्सचेंज एक केंद्रीकृत स्थान है जहां सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं।
परन्तु ये शेयर आप सीधे तौर पर स्टॉक एक्सचेंज से खरीद या बेंच नहीं सकते है, शेयर खरीदने और बेचने के लिए आपको एक रजिस्टर ब्रोकर की जरूरत होती है ये ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज के रजिस्टर ब्रोकर होते है |
हमने अभी तक ये समझ लिया है कि स्टॉक एक्सचेंज क्या है हिंदी में आगे अब हम समझेंगे कि भारत में कितने स्टॉक एक्सचेंज हैं |
भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों की सूची
हम आपको भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों के बारे में बताने जा रहा हूं जो भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Securities and exchange board of India) अथवा SEBI के साथ पंजीकृत हैं और वर्तमान में सक्रिय हैं।
- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (Bombay Stock Exchange (BSE))
- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange (NSE ))
- कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज (Calcutta Stock Exchange (CSE ))
- मेट्रोपोलियन स्टॉक एक्सचेंज (Metropolitan Stock Exchange (MSE))
- इंडिया इंटरनेशनल एक्सचेंज (India International Exchange (India INX))
भारतीय स्टॉक एक्सचेंज की सूची और भी लंबी है परन्तु भारत में अभी केवल दो स्टॉक एक्सचेंज ही बहुत ज्यादा प्रसिद्ध हैं जिनके बारे में हो सकता है अपने भी बहुत बार सुना होगा |
अगर नहीं सुना है तो आज हम आपको बताएँगे कि वो कौन कौन से स्टॉक एक्सचेंज हैं और उनके बारे में विस्तार से बताएँगे |
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (Bombay Stock Exchange (BSE)) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange (NSE )) भारतीय स्टॉक एक्सचेंज की सूची में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है |
अभी तक हमने स्टॉक एक्सचेंज क्या है हिंदी में जाना अब इसी प्रकार अब हम जानेंगे कि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज|
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज – Bombay Stock Exchange (BSE)
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज या बीएसई मुंबई के दलाल स्ट्रीट में स्थित एक भारतीय स्टॉक एक्सचेंज है, यह भारत के दो प्रमुख बड़े स्टॉक एक्सचेंजों में से एक है |
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना श्री प्रेमचंद रॉय ने 9 July , 1875 में की थी, जिन्हें कॉटन किंग, बुलियन किंग या बिग बुल के नाम से जाना जाता है।
बीएसई भारत ही नहीं पूरे एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है यह भारत के 417 से भी ज्यादा शहरों में फैला हुआ है |
सेंसेक्स के अलावा, BSE के अन्य महत्वपूर्ण सूचकांक BSE 100, BSE 200, BSE 500, BSE MIDCAP, BSE SMALLCAP, BSE PSU, BSE ऑटो, BSE फार्मा, BSE FMCG, BSE METAL इत्यादि हैं।
यह विभिन्न सेवाओं जैसे बाजार डेटा सेवाएं, जोखिम प्रबंधन, सीडीएसएल (सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड) CDSL डिपॉजिटरी सेवाएं आदि भी प्रदान करता है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज – National Stock Exchange (NSE)
NSE भारत का सबसे कम उम्र का स्टॉक एक्सचेंज है, जो वर्ष 1992 में आया था |
श्री विक्रम लिमये एनएसई के एमडी और सीईओ हैं |
1992 में, भारत में पहली बार, एनएसई ने उन्नत इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सिस्टम की शुरुआत की, जिसने पेपर-आधारित निपटान प्रणाली को व्यापार से हटा दिया और एक आसान ट्रेडिंग सुविधा की पेशकश की।
निवेशकों को डिपॉजिटरी सेवाएं प्रदान करने के लिए वर्ष 1995 में नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) का गठन किया गया था।
भारतीय शेयर बाजार में NIFTY 50 लोकप्रिय बेंच मार्क इंडेक्स, एनएसई द्वारा उसी वर्ष में पेश किया गया था। NIFTY 50 शीर्ष 50 कंपनियों को सूचीबद्ध करता है जो एनएसई शेयर बाजार में कारोबार करती हैं।
इनके अलावा कुछ और स्टॉक एक्सचेंज जैसे Calcutta Stock Exchange (CSE), Metropolitan Stock Exchange (MSE), India International Exchange (India INX) इत्यादि
इंडेक्स क्या है-What is Index ?
- भारत में हजारों सूचीबद्ध कंपनियां हैं। और, हर एक स्टॉक को ट्रैक करना आसान नहीं है। इसीलिए स्टॉक एक्सचेंज कुछ सबसे अच्छी कंपनियों को चुनते है और उसका एक इंडेक्स बना कर रखते है |
- स्टॉक चयन का मापदंड इंडस्ट्री का प्रकार, बाजार पूंजीकरण या कंपनी का आकार हो सकता है। स्टॉक मार्केट इंडेक्स के मूल्य की गणना स्टॉक के मूल्यों का उपयोग करके की जाती है। स्टॉक की कीमतों में होने वाला कोई भी परिवर्तन इंडेक्स मूल्य को प्रभावित करता है |
- NSE का इंडेक्स NIFTY है और BSE का इंडेक्स SENSEX है |
निफ़्टी क्या है-What is NIFTY ?
NIFTY National Fifty का संक्षिप्त रूप है। यह भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध पचास शेयरों पर एक इंडेक्स है।
यह भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों से 50 शेयरों को कवर करता है। तो, यह आमतौर पर NIFTY 50 भी कहा जाता है।
जब आप निफ्टी भविष्य खरीदते हैं, तो इसका मतलब है कि आपने कंपनी के 50 शेयरों में निवेश किया है, जो सामूहिक रूप से निफ्टी इंडेक्स का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
NIFTY 50 इंडेक्स की कुछ कंपनी जैसे Hdfc bank, Reliance Industry, Mahindra and Mahindra इत्यादि है।
सेंसेक्स क्या है-What is Sensex ?
सेंसेक्स, सरल शब्दों में, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (Bombay Stock Exchange) पर सूचीबद्ध 30 विशिष्ट कंपनियों के शेयरों का संयुक्त मूल्य है।
BSE समय के साथ 30 की इस सूची को संशोधित कर सकता है।सेंसेक्स में बीएसई पर 30 सबसे बड़े और सबसे अधिक सक्रिय रूप से कारोबार वाले स्टॉक शामिल हैं, जो भारत की अर्थव्यवस्था का एक सटीक बढ़ाव प्रदान करता है।
SENSEX 30 इंडेक्स की कुछ कंपनी जैसे INFOSYS LTD, KOTAK MAHINDRA BANK LTD, OIL AND NATURAL GAS CORPORATION LTD(ONGC) इत्यादि है।
दोस्तों हम आशा करते है की आपको स्टॉक एक्सचेंज क्या है हिंदी में समझ आ गया होगा |
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डिपॉजिटरी क्या है – What Is Depository ?
दोस्तों आपने समझ लिया होगा की स्टॉक एक्सचेंज क्या है हिंदी में अब आइये समझते हैं की डिपॉज़िटरी क्या होता है ?
आसान भाषा मे समझे तो डिपॉज़िटरी वह स्थान होता है जो डीमैट अकाउंट के रख रखाव को देखता है |
उदाहरण के लिए समझे तो जैसे बैंक हमारे बैंक खातों को रख रखाव रखते है उसी प्रकार डिपॉज़िटरी भी हमारे डीमैट अकाउंट को देखती है |
किताबी परिभाषा –
डिपॉजिटरी एक ऐसी जगह है जो ख़रीदे गए शेयर सर्टिफ़िकेट को डीमैटरियलाइज्ड रूप में रखता हैं तथा यह शेयर रिकॉर्डों के रख रखाव और डीमैटरियलाइज्ड सिक्योरिटीज में ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करता है |
हमारे भारत में दो प्रकार की डिपॉजिटरी है –
- नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL)
- सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL)
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL)
एनएसडीएल या नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड भारत में सबसे पुराना और सबसे बड़ा इलेक्ट्रॉनिक सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी है, जिसने 1995 में मुंबई, महाराष्ट्र में परिचालन शुरू किया था।
यह भारत में इलेक्ट्रॉनिक या डी-मैटेरियलाइज्ड रूप में प्रतिभूतियों के व्यापार और निपटान की पेशकश करने वाला पहला डिपॉजिटरी है।
एनएसडीएल को देश के कुछ सबसे बड़े बैंकों और संस्थानों, जैसे – IDBI Bank , UTI और National Stock Exchange (NSE) द्वारा बढ़ावा दिया जाता है।
एनएसडीएल के पास 1.5 करोड़ से अधिक सक्रिय निवेशक खाते हैं। एनएसडीएल के लगभग 1,900 शहरों को कवर करने वाले लगभग 26,000 सेवा केंद्र हैं।
एनएसडीएल की तिजोरी केवल शेयरों तक सीमित नहीं है और उनकी सेवा में स्टॉक, बॉन्ड, डिबेंचर, वाणिज्यिक पत्र, म्यूचुअल फंड आदि शामिल हैं।
NSDL द्वारा सुविधा प्रदान की जाने वाली बुनियादी सेवाओं में खाता प्रबंधन, डी-मटीरियलिज़म, एक्सचेंजों का निपटान और पुन: मटेरियलाइज़ेशन शामिल हैं।
यह डिपॉजिटरी, ऑफ-मार्केट ट्रांसफर, संपार्श्विक, उधार और प्रतिभूतियों के बंधक के बीच स्थानान्तरण की सुविधा भी देता है।
सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL)
सीडीएसएल या सेंट्रल डिपॉजिटरी सिक्योरिटीज लिमिटेड भारत में एक और इलेक्ट्रॉनिक सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी है, जो 1999 में परिचालन शुरू किया और यह मुंबई, महाराष्ट्र में भी आधारित है।
यह भारत में दूसरा सबसे बड़ा प्रतिभूति डिपॉजिटरी है और खाता हस्तांतरण की सुविधा देता है।
यह भारत के कुछ प्रमुख बैंकों और वित्तीय संस्थानों, जैसे – भारतीय स्टेट बैंक (SBI), HDFC Bank, Bank of Baroda, बैंक ऑफ इंडिया, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) द्वारा पदोन्नत किया जाता है।
यह एनएसडीएल के समान कार्य प्रदान करता है, जो प्रति-भौतिक रूप में प्रतिभूतियों को रखता है और इलेक्ट्रॉनिक या डी-मटेरिअल रूप में प्रतिभूतियों के व्यापार और निपटान की सुविधा प्रदान करता है।
सीडीएसएल में, वे स्टॉक, डिबेंचर, बॉन्ड, वाणिज्यिक पत्र, सरकारी प्रतिभूतियां, जमा के प्रमाण पत्र, म्यूचुअल फंड आदि को रखने के लिए सेवाएं प्रदान करते हैं।
2017 में, सीडीएसएल की लगभग 161 शाखाएं हैं और उनके साथ लगभग 1.10 करोड़ ग्राहक खाते हैं।
Depository Person या (DP) क्या होता है ?
- ख़रीदे गए शेयर को सीधे अपने डीमैट खाता में रखने के लिए भी आपको ब्रोकर की आवश्यकता होती है ये ब्रोकर डिपॉजिटरी के मेम्बर होते है| इनको हम Depository Person या (DP) भी बोलते है।
- समान्यता सारे ब्रोकर डिस्काउंट या फुल सर्विस दोनों Depository के मेम्बर होते है।
शेयर खरीदने से लेकर बेचने और डीमैट खाते में जाने तक की पूरी प्रक्रिया:
आइये आपको समझाते है की अगर आप कोई शेयर खरीदते है तो वह शेयर आपके डीमैट खाते तक कैसे पहुँचता है नीचे दी गयी इमेज से समझते है।
दोस्तों जैसा कि आपने ऊपर वाले Diagram में देखा कि एक शेयर खरीदने की पूरी प्रक्रिया कैसे काम करती है आइए हम आपको ऊपर दिए गए Diagram को एक एक स्टेप से समझते हैं |
Step -1
- तो दोस्तों जैसा कि आप जानते हैं कि शेयर बाजार में निवेश करने के लिए हमें सबसे पहले पैसों की आवश्यकता होती हैं तो उसके लिए सबसे पहले इस डायग्राम के अनुसार निवेशक ने अपने बैंक से पैसे निकालकर ट्रेडिंग अकाउंट में जमा कर दिए हैं |
- निवेशक को ट्रेडिंग अकाउंट में पैसा जमा करने से एक लाभ तो यह होता है कि वह किसी भी शेयर का आर्डर तुरंत ब्रोकर को दे सकता है पता यदि वह अपने शेयर को बेचता है तो बेचने का जो भी पैसा उड़ता हुआ तुरंत भेजें अकाउंट में जमा हो जाता है |
Step -2
तो दोस्तों ऊपर के Diagram से समझ सकते हैं कि निवेशक ने दूसरे स्टेप में शेयर खरीदने का ऑर्डर ब्रोकर को दे दिया है तथा अब यहां पर ब्रोकर की ज़िम्मेदारी है कि यदि ऑर्डर सफलतापूर्वक पूरा होता है तो वह शेयर ऑर्डर की पुष्टि निवेशक को करें |
Step -3
- तीसरे स्टेप में हम यह देख सकते हैं कि यहां पर ब्रोकर ने निवेशक से आर्डर रिसीव किया और यही ऑर्डर स्टॉक एक्सचेंज को दिया स्टॉक एक्सचेंज ने फिर ऑर्डर को देखा और अगर वह आर्डर जब भी स्टॉक एक्सचेंज द्वारा पूरा होता है तो यह ब्रोकर को सूचना दे दी जाती है कि आपका ऑर्डर पूरा हो गया है|
- ऑर्डर को जब स्टॉक एक्सचेंज पूरा कर देता है तो उसकी सूचना ब्रोकर को मिलती हैं और फिर यह सूचना ब्रोकर निवेशक को देता है |
Step -4
- दोस्तों यह स्टेप जरूरी नहीं होता कि पूरा ही हो क्योंकि इसमें एक कंडीशन यानी स्थिति जरूरी होती है यदि यदि निवेशक ने शेयर को खरीद कर उसी दिन बेच दिया तो यह स्टेप मान्य नहीं होता है आसान भाषा में कहें तो जब भी निवेशक इंट्राडे ट्रेडिंग करता है तो यह स्टेप मान्य नहीं होता है
- परंतु यदि निवेशक ने शेयर को खरीद कर रखना चाहता है तो यह इस पर शेयर खरीदने के 2 दिन बाद पूरा होता है इसे T+2 दिन बोलते हैं
- यह स्टेप भी ब्रोकर के द्वारा किया जाता है इसमें ब्रोकर आपके द्वारा खरीदे गए शेयर की सारी डिटेल डिपॉजिटरी को दे देता है जिस पर डिपॉजिटरी आपके डीमैट अकाउंट में शेयर का ई सर्टिफिकेट जमा कर देती है इसको पूरा होने में T+2 दिन लगता है |
हमने ऊपर के 4 स्टेप में समझ लिया कि जब हम किसी एक शेयर को खरीदते हैं तो पूरा प्रक्रिया कैसे होता है इसी प्रकार जब हम शेयर को बेचते हैं तो हम ब्रोकर को आर्डर देते हैं
और फिर यह आर्डर स्टॉक एक्सचेंज के पास जाता है स्टॉक एक्सचेंज ऑर्डर को कंफर्म करता है और उसके बाद यदि आपने शेयर को अपने डिमैट अकाउंट में जमा कर रखा है तो ब्रोकर डिपॉजिटरी को यह सूचना दे देता है
कि निवेशक ने उस पर को बेच दिया है तो डिपॉजिटरी आपका शेयर सर्टिफिकेट आपके डिमैट अकाउंट से हटा देती है यही प्रक्रिया शेयर बेचने की होती है |
दोस्तों हम आशा करते है की आपको यह समझ आ गया होगा की स्टॉक एक्सचेंज क्या है हिंदी में तथा यह कैसे काम करता है |
Dividend अथवा लाभांश क्या होता है ?
Dividend अथवा लाभांश कंपनी द्वारा अपने शेयर धारको को दिया गया एक अतरिक्त पैसा है परन्तु ये पूर्णता कंपनी का निर्णय होता है की वह Dividend देती है या नहीं। आसान भाषा में समझे तो यह आपके द्वारा लिए गए शेयर का ब्याज होता है
सबसे अच्छी बात यह है की यह टैक्स फ्री होता है अगर आपका dividend 10 लाख या उससे कम है 10 लाख के ऊपर इसमें 10 % का टैक्स लगता है।
Dividend से जुडी महत्वपूर्ण तिथियां
लाभांश भुगतान घटनाओं के Chronological क्रम का पालन करते हैं और लाभांश भुगतान प्राप्त करने के लिए योग्य शेयरधारकों को निर्धारित करने के लिए संबंधित तिथियां महत्वपूर्ण हैं।
घोषणा तिथि : घोषणा तिथि पर कंपनी प्रबंधन द्वारा लाभांश की घोषणा की जाती है, और भुगतान करने से पहले शेयरधारकों द्वारा Approved किया जाना चाहिए।
एक्स-डिविडेंड डेट : वह तारीख जिस पर Dividend eligibility Expire होती है, उसे एक्स-डिविडेंड डेट या सिर्फ एक्स-डेट कहा जाता है।
उदाहरण के लिए– यदि किसी स्टॉक में सोमवार, 10 जनवरी की पूर्व तिथि है, तो उस दिन या उसके बाद स्टॉक खरीदने वाले शेयरधारक लाभांश प्राप्त नहीं करेंगे, क्योंकि वे लाभांश की समाप्ति तिथि पर या उसके बाद इसे खरीद रहे हैं।
शेयरधारक जो पूर्व की तारीख से पहले एक दिन का कारोबार करते हैं – वे शुक्रवार, 7 जनवरी या उससे पहले के लाभांश प्राप्त करेंगे।
रिकॉर्ड तिथि: रिकॉर्ड तिथि कंपनी द्वारा स्थापित की गयी एक तिथि है, जो यह निर्धारित करती है की कितने शेयरधारक dividend के लिए योग्य है।
भुगतान की तारीख: कंपनी भुगतान तिथि वह तिथि होती है जिसमे कंपनी, तय किया गया dividend अपने शेयर धारको को देती है।
आज आपने क्या सीखा
दोस्तों आज हमने सीखा स्टॉक एक्सचेंज क्या है हिंदी में और हमने जाना की बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है और ये सब कैसे कार्य करते हैं
दोस्तों हमने इस आर्टिकल स्टॉक एक्सचेंज क्या है हिंदी में इसको इस प्रकार लिखा है की आपको कहीं भी दूसरी जगह भटकने की बिलकुल भी जरूरत नहीं पड़ेगी |
दोस्तों सिर्फ यही आर्टिकल नहीं हमने अपने ब्लॉग में सभी आर्टिकल को इस प्रकार लिखा है की आसानी से कोई भी समझ सकता है
बस हमें आपका पूर्ण सहयोग चाहिए जिससे की हम आपको नए नए आर्टिकल पढने के लिए दे सकें
अपने दोस्तों ,रिश्तेदारों,पड़ोसियों को खूब शेयर करें जिससे की हमें लिखने के लिए उत्साह मिलेगा
अगर आपको यह लेख पढ़ने में मज़ा आया और यदि आपके पास कोई प्रश्न है तो आप इसे Comment Box में लिख सकते हैं। आपके नए अनुभव के लिए शुभकामनाएँ और हमेशा आगे बढ़ते रहें |